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About The Book
Description
Author
इतवार का अर्थ है रविवार। लेकिन अवध से आए इस शब्द में आज के sunday वाली से ज़्यादा उन गुज़रे दशकों के एक छोटे शहर के परिवेश वाले रविवार की भावना है यहाँ चाय की चुसकियाँ अख़बारों की कहानियाँ और पूरे परिवार की बातें साथ में हुआ करती थीं। इतवार शब्द सुनते ही मुझे एक ऐसे स्थान की कल्पना होती है जहाँ सबके अपने छोटे से घर हैं एक आँगन है परिवार के सदस्यों जैसे पड़ोसी हैं डाकिया है ग्वाल हैं जहाँ आज भी मिट्टी में खेलने की ख़ुशी का आभास भर ही मेरी चेतना से पूछता है कि आज के संदर्भ में वह वाला सँसार कौन सा है? दशक कोई भी हो उम्र कोई भी रहे सबके सारे रविवारों में से कुछ अपने पसंद के इतवार होते हैं। -- महारत्ना कम्पनी कोल इण्डिया लिमिटेड में भू-वैज्ञानिक के तौर पर कार्यरत हिंदी लेखक श्री अपूर्व पाण्डेय सुलतानपुर (कुशभवनपर) उत्तर प्रदेश से ताल्लुक़ रखते हैं। अपूर्व जी IIT Dhanbad के अपने छात्रकाल में वहाँ की हिंदी साहित्य समिति चयनिका संघ के सदस्य और सचिव भी रह चुके हैं। देश-विदेश घूमने और ग्रंथों को पढ़ने में रुचि रखने वाले अपूर्व जी ने वर्ष 2011 में लिखना शुरू किया था। बचपने को ज़िंदा रखना चाहिए समझदारी संकोच पैदा करती है विचार को मानने वाले अपूर्व जी YouTube के channel My Ink My Prints के माध्यम से कविताएँ सुनाते आ रहें हैं।