कवि बृजेश नायक द्वारा रचित काव्य संग्रह जागा हिंदुस्तान चाहिए में मूलतः राष्ट्रीय विचारधारा का उद्घोष है। प्रस्तुत कृति को तीन खण्डों में विभाजित किया गया है। प्रथम खंड – राष्ट्र चेतना ज्ञान से अभिहित है। द्वितीय खंड – सजग व्यंग के बाण से परिभाषित है। संग्रह के तृतीय खंड में विविध रंगी रचनाओं का समावेश किया गया है। इस खंड में बालोपयोगी नीतिपरक रचनाएँ एवं भजनों की विधा को सम्मिलित करके कवि ने अपने बहुआयामी लेखन को प्रस्तुत किया है।
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