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Description
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‘In this book… जाल - 2 मिशन काली!“अपराधी कितना भी शातिर और चालाक क्यों न हो। वह अक्सर कोई ऐसी गल्ती कर ही जाता है कि कानून के हाथ से उसका बच पाना मुश्किल हो जाता है। बस उस भूल को पकड़ने वाली नजर होनी चाहिए। जो गुरुनाथ बेनेगल और चाणक्य राजगुरु के पास हैं। और यहाँ अपराधी ने वही छोटी सी भूल की। उसकी गल्ती बस एक अक्षर “है” से पकड़ी गई। नहीं तो मरने के बाद फिर से जिन्दा होने का जो प्लान उसने बनाया था वह कभी फेल होता ही नहीं।”In this book... JAAL - 2 MISSION KALI.Apradhi kitana bhi shatir aur chalak kyo na ho. Wah akshar koi aisi galati kar hi jata hai ki kanun ke hath se usaka bach pana mushkil ho jata hai. Bus us bhul ko pakadane wali najar honi chahiye. Jo Gurunath Benegal aur Chanakya Rajguru ke pas hai. Aur yahan apradhi ne wahin chhoti si bhul ki. Usaki galtti bus ek hain हैं se pakadi gai. Nahi to marane ke bad fir se jinda hone ka jo plan usane banaya tha woh kabhi fail hota hi nahi. ‘In this book… जाल - 2 मिशन काली!“अपराधी कितना भी शातिर और चालाक क्यों न हो। वह अक्सर कोई ऐसी गल्ती कर ही जाता है कि कानून के हाथ से उसका बच पाना मुश्किल हो जाता है। बस उस भूल को पकड़ने वाली नजर होनी चाहिए। जो गुरुनाथ बेनेगल और चाणक्य राजगुरु के पास हैं। और यहाँ अपराधी ने वही छोटी सी भूल की। उसकी गल्ती बस एक अक्षर “है” से पकड़ी गई। नहीं तो मरने के बाद फिर से जिन्दा होने का जो प्लान उसने बनाया था वह कभी फेल होता ही नहीं।”