Jaat-Paant ka Vinash

About The Book

इसमें कोई शक नहीं है कि जाति व्यवस्था मुख्य रूप से हिंदुओं की सड़ी-गली व्यवस्था के रूप में समस्या है। हिंदुओं ने सारे वातावरण को गंदा कर दिया है जिससे सिख मुसलमान ईसाई सभी इससे पीड़ित हैं। इसलिए आपको उन सभी लोगों से सहयोग मिलने की आशा है जो इस छूत की बीमारी का दुःख भोग रहे हैं। जैसे- स्वराज्य यानी देश की आजादी के युद्ध में पूरा राष्ट्र साथ में हो जाता है लेकिन राष्ट्र की आजादी के सवाल से ज्यादा मुश्किल आपका उद्देश्य है। जाति व्यवस्था के खिलाफ युद्ध में आपको पूरे राष्ट्र के खिलाफ लड़ना होगा और वह भी अकेले लेकिन यह स्वराज्य के आंदोलन से ज्यादा महत्त्वपूर्ण है। यदि स्वराज्य मिल भी जाए तो उसका तब तक लाभ नहीं होगा जब तक उसकी रक्षा करने के योग्य नहीं हो जाते। स्वराज्य के अंतर्गत हिंदुओं की रक्षा स्वराज्य हासिल करने से ज्यादा महत्त्वपूर्ण है। मेरे विचार में यदि हिंदू समाज जात-पाँत से मुक्त हो जाएगा तो इसमें अपनी रक्षा के लिए पर्याप्त शक्ति आ जाएगी। इस आंतरिक शक्ति के बिना हिंदुओं के लिए स्वराज्य सिर्फ गुलामी की दिशा में एक ओर कदम साबित होगा। आपकी सफलता के लिए मेरी शुभकामनाएँ आपके साथ है अलविदा !- डॉ० भीमराव आंबेडकर
Piracy-free
Piracy-free
Assured Quality
Assured Quality
Secure Transactions
Secure Transactions
Delivery Options
Please enter pincode to check delivery time.
*COD & Shipping Charges may apply on certain items.
Review final details at checkout.
downArrow

Details


LOOKING TO PLACE A BULK ORDER?CLICK HERE