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About The Book
Description
Author
हिंदी के महत्वपूर्ण कवि दिविक रमेश के सद्यतम कविता संग्रह की शीर्षक कविता की उपर्युक्त पंक्तियों के माध्यम से एक ओर कृतिकार के जनतांत्रिक मूल्य के प्रति आस्था का परिचय मिलता है तो दूसरी ओर उसके संवेदनात्मक धरातल की व्याप्ति का। एक ओर कवि ने सत्ता की नृशंसता को रूपायित किया है तो दूसरी ओर मानवता का गला घोंटने वाली क्रूर व्यवस्था के असली चरित्र से परिचित कराया है। शोषण दमन पीड़न निर्यातन अनाचार अत्याचार व्यभिचार आदि सत्ता के लक्षण हैं। संसार के जिस भूभाग में और जिस अवधि में सत्ता के उल्लिखित लक्षण परिलक्षित होंगे इस तरह की कविताओं की प्रासंगिकता असंदिग्ध बनी रहेगी। कविता का संदर्भ अमेरिका में अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की श्वेत पुलिस द्वारा हत्या का है। लेकिन कविता अमेरिका के भूगोल तक सीमित नहीं है। उस भौगोलिक सीमा से परे पहुँच जाती है। घटना 2020 की ज़रूर है लेकिन कविता इस कालखंड का अतिक्रमण करती है।