जगद्गुरु संत श्री हाथीराम बलज्योत बालबम्हचारी संत महात्मा थे| विश्व प्रसिद्ध बालाजी व्यंकटेश्वर संस्थान के वह धनिक संत थे|जिन्होने स्वामी व्यंकटेश्वर को सर्वप्रथम बालाजी के नामसे संबंधित किया था | भारत का ही नहीं बल्कि विश्व के अमीर बहुआयामो से एक तिरुमला तिरुपति बालाजी तीर्थस्थान माना जाता है| उनके द्वाराही बालाजी संस्थानके लिये धनदान देने की प्रथा की शुरुआत की गई थी| व्यंकटेश्वर बालाजी संस्थान से गोरबंजारा जनजाति का इतिहास प्राचिन काल मे राम-कृष्ण को लेकर मोला-मोटा विशेषत: पाचसौ वर्षपुर्व संतश्री हाथीराम से जुड़ा हैं। गोर बंजारा जनजाति के पहले संत हाथीराम तिरुपति बालाजी के अस्सीम भक्त थे। जब उनके पीताश्री हाथीरामजी पंद्रहवी शताब्दी में दक्षिण भारत में लदेणी (Carvan)कर आये थे |उन्हें बालब्रम्हचारी -बावाजीके नाम से भी जाना जाता था। मुलता उनका जन्म नाम आसाराम था| हाथीराम नाम कैसे हुआ था? इस बारे मे बनजारा लोकसाहित्यमे कई किवदंतिया प्रचलीत हैं। हाथीराम लंबाडा -बंजारा जमातीके पवार बलजोत गोत्र से संबंधित थे। देश-विदेश से बनजारे हाथीराम के पवित्र मंदिर में आते हैं। वह पुरे भक्ति भाव से समाजकार्य हेतु सर्वप्रथम हाथीराम मंदिर को प्रसाद सोनापैसा जमीन आदी दान स्वरुप चढाते हैं। जिनके पास कुछ नही वह आपने सौन्दर्य तथा त्यागके प्रतिक बाल चढाते है| हाथीरामजीद्वारा बाल चढाने के कारण बालाजी यह नामकरन सर्वप्रथम किया था| कुछ महात्माओं के पहला प्रसाद चढाणेकी किवदंतीया हथीरामजीके मंदिर को बुरे हलातोसी क्यों नही निकाल रही है? पहला प्रसाद चढाते है मगर मंदीरको मठ करके क्यों संबोधित किया जाता है? मगर मंदिरके हालात खचता है!वास्तविक भक्तोद्वारा चढाये प्रसादों को तीन भागों में विभाजित किया जाता है | एक भाग बालाजी मंदिर की हुंडी में एक भाग हाथीराम मंदिर में और एक भाग बाकी निचले मंदिर में चढाते हैं | हाथीराम के भगवान के प्रति प्रेम और सच्ची श्रद्धा को देख कर जैसे भगवान व्यंकटेश्वर तथा राजा कृष्णदेवराय स्वंय संत हाथीराम से चौपड़ खेलते थे| हाथीरामजीके शास्त्रीय बल बहुआयामी व्यक्तीत्वके कारण राजा कृष्णदेवरायने अपनी बहुतायत सारी संपत्ति संत हाथीराम के चरणों में अर्पित कर दी थी।संतश्रेष्ठ हाथीराम के कारण गोर-बंजारे बालाजी के अस्सीम भक्त हैं | बंजारों ने ही इस पहाड़ी को परकीय तथा स्वकीयोंके हमले से बारबार बचाया था। उन्होंने राजाकृष्णदेवराय को लभाणमार्गसे होनेवाले बनजारा बेपारीओंद्वारा यूध्धसामग्री तथा मौल्यवान वस्तुओं के माध्यम से हैदराबाद बनजारा हिल पर पडाव दालकर राज्यविस्तमे साह्यता प्रदान की थी!तिरुमला पहाड़ी के चारों और नजर रखकर देशविदेशके आक्रान्ताओंसे भगवान के मंदिर की रक्षा की थी।हाथीरामजी के पास ५०० करोड़ के नीलमणि से जडीत तीन अर्थात १५०० करोड़ के पाचसो पच्चीस वर्षो पुर्व हार थे| जो विवादित स्थीतीमे अब बैंक में जमा हैं । आज की स्थिति में तिरूपति तथा पधरा राज्यों मे हाथी रामजी की कई स्थानों पर संपत्तियां है! वह कृत्रिम उत्तराधिकारियों द्वारा हतलाई की गईं हैं। जो सुप्रीम कोर्टाने तथा भारतवर्ष के १८० मुकदमे अदालतों और कचेरी ओंमे पहुचा दी गई है| कुछ स्वार्थी लोग मठ की संपत्ति हड़पने की कोशिश कर रहे हैं। देश विदेश से भक्त अपने भक्ति भाव से धनदान सफेद ध्वज वालट्राडु प्रसाद जमीन आखीर बाल दान मे देते हैं। ३०० गावोंकी २० हजार एकड जमीन जिसमे ३५०० एकड जमीन प्रयागदास महाराजने हत्तीराम मठके लिये आरक्षित रखी थी।बैंगलोर चामराजपेट बसवनगुडी म्हैसूर २१ एकड माहेश्वरी त्रिपुर भैरवी मठ की जमीन कब्जे के कारण अधोगती की स्थीती मे है। तिरुपती नगर मे चार एकड आंध्रप्रदेश के कृष्णाजी लेके सिंगाराय पाले मे ४६० चित्तूर शहर मे १४७५.७५ तामिळनाडू मे ७३.९६ महाराष्ट्र मे २९६ एकड जमीन है। इसके अलावा दिल्ली मुंबई बागलकोट गुजरात आयोध्या दाभा नाशिक बैंगलोर निलगिरी चेन्नई टाऊन और कुछ अन्य स्थान पर हत्ती राम बाबा मठसे संबंधित जमीन है। हाथीराम के मृत्यु के संदर्भ में हमे मिली जानकारी के अनुसार उनकी मृत्यु २६ अक्टूबर १५२९ में तिरुमला की पहाड़ियों में हुई थी। उन्होंने ज़िंदा समाधी लेकर अपने प्राण त्याग दिए थे। हाथीरामजी के धनिक अध्यात्मिक योगदान के तथा बंजारा जनजाति के बिना तिरुमला तिरुपति देवस्थानका इतिहासीक धनिक तथा अध्यात्मिक ऐस्वर्य आधा-अधूरा हैं। तिरुमला तिरुपति देवस्थान में बंजारा जनजाति का योगदान होते हुए भी वहा के हालात एक षडयंत्र के तहत जान बुझकर खचता रखा गया है| आजतक किसी बंजारा तथा बंजारेत्तर जनजाति के व्यक्ति ने हाथीरामजीका वैश्वीक योगदान होनेके बावजूद भीएक साजीसके तहत उन पर कोई संदर्भ ग्रंथ नहीं लिखा गया । इस ग्रंथ के माध्यम से हम उपरोक्त त्रासदी को ध्यानमे लेकर अनछुए पहलुओं को सामने लानेकी कोशिश कर रहे है |
Piracy-free
Assured Quality
Secure Transactions
Delivery Options
Please enter pincode to check delivery time.
*COD & Shipping Charges may apply on certain items.