This book is a collection of Shayari Nazm and poems in Hindi. Some serious joyful and the others full of fun. You will enjoy engaging with each one. बुलंदशहर के गाँव कपना में मेरे पुश्तैनी घर के एक बड़े जंगले में बैठकर 8 साल की उम्र में हुई मेरी इस शौकिया दीवानगी की शुरूआत। विद्यार्थी काल में और फिर उसके बाद 33 साल की सरकारी सेवा के सीमित अवसरों में यह पनपती रही। अब ये अपनी 75 और मेरी 83 वर्ष (असली उम्र) की आयु में खुली हवा का अनुभव करने की ओर गामज़न है। आशा है सीमाऐं लांघ लेगी.......... हमारी डगमगाती नाव मुमकिन है कि तर जाए समय का क्या भरोसा कब इनायत किस पे फ़रमाए (इसी संग्रह से)
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