Jansanchaar Filmi Geeton Me Rachnatmakta

About The Book

जनसंचार फ़िल्मी गीतों में रचनात्मकताडॉ. हिसाम उद्दीन फ़ारूक़ी द्वारा लिखित यह पुस्तक भारतीय फ़िल्म उद्योग के फ़िल्मी गीतों की ऐतिहासिक यात्रा और उनकी रचनात्मकता को उजागर करती है। पुस्तक में फ़िल्मी गीतों के विकास के दो महत्वपूर्ण युगों का वर्णन किया गया है—पहला युग जब फ़िल्म कलाकार स्वयं गायक बनकर अपनी आवाज़ में गीत गाते थे और दूसरा युग जब प्लेबैक तकनीक का आविष्कार हुआ और पार्श्व गायकों के माध्यम से गीत रिकॉर्ड किए जाने लगे। लेखक ने गानों के साथ भारतीय फ़िल्मों के अभिन्न संबंध संगीतकारों और गीतकारों की रचनात्मकता और जनसंचार माध्यम के रूप में फ़िल्मी गीतों की शक्ति को विस्तार से समझाया है।यह पुस्तक न केवल फ़िल्मी गीतों की तकनीकी और रचनात्मक यात्रा का दस्तावेज़ है बल्कि यह भारतीय फ़िल्म संगीत के उन अनछुए पहलुओं पर भी प्रकाश डालती है जिन्होंने न केवल फ़िल्मों की कहानी को सशक्त बनाया बल्कि समाज पर गहरा सांस्कृतिक प्रभाव भी डाला। यह पुस्तक फ़िल्म संगीत में रुचि रखने वाले पाठकों संगीत प्रेमियों और फ़िल्म इतिहास के शोधार्थियों के लिए अत्यंत उपयोगी है।
Piracy-free
Piracy-free
Assured Quality
Assured Quality
Secure Transactions
Secure Transactions
Delivery Options
Please enter pincode to check delivery time.
*COD & Shipping Charges may apply on certain items.
Review final details at checkout.
downArrow

Details


LOOKING TO PLACE A BULK ORDER?CLICK HERE