Javaakusum
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About The Book

बात फूलों की : -- जवाकुसुम एक सुकोमल अहसास खिला-खिला सा। रंगीन भी/रूमानी भी। हृदयस्पर्शी भी/सारगर्भित भी। प्यारा भी/ दुलारा भी आकर्षण से भरा। मन पर असर डालने वाला मन को आह्लादित कर देने वाला। जिसके देखने मात्र से ही तन-मन प्रफुल्लित हो जाय। एक अद्भुत स्पर्श/अनुभव। कहीं से आ रहा खुशबू भरा एक झोंका पवन का जो उड़ा ले जाय हमें कल्पनाओं के आकाश में चिन्ताओं से दूर। इन्हीं भावनाओं के मद्देनज़र पेश है हमारा खिलाया - “जवाकुसुम“ !!
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