Jayaprakash Narayan - Jankranti Ke Loknayak

About The Book

'भावी समाजवादी क्रान्ति की विभूति मजदूर नहीं किसान होगा' - यह उद्घोष करने वाले लोकनायक जयप्रकाश नारायण के व्यक्तित्व में संत-तुल्य शुचितामय हृदय बाल-सुलभ ऋजुता और सरलता थी। जयप्रकाश नारायण को कोई मतवाद कोई सम्प्रदाय कोई संस्था या कोई संगठन अपनी सीमाओं में नहीं बाँध सका। सर्वोदय का प्रतिनिधित्व करते हुए भी उनका व्यक्तित्व वही तक परिमित नहीं रहा। नये विचारों को ग्रहण करने और पुराने विचारों की श्रृंखला तोड़ने में उन्हें कोई कठिनाई नहीं हुईयह उनके व्यक्तित्व की विशिष्टता का प्रबल प्रमाण है।परम्परागत राजनीति से अलग लोकनीति के विकास हेतु बुनियादी कार्य करने वाले जयप्रकाश नारायण राजपथ के बदले जनपथ पर मुड़ गए।जयप्रकाश नारायण अपने विचारों को निरंतर परिमार्जित और परिवर्द्धित करते रहे। अतः महात्मा गाँधी की तरह जयप्रकाश नारायण के अंतिम विचार ही प्रमाण मानने होंगे।
Piracy-free
Piracy-free
Assured Quality
Assured Quality
Secure Transactions
Secure Transactions
Delivery Options
Please enter pincode to check delivery time.
*COD & Shipping Charges may apply on certain items.
Review final details at checkout.
downArrow

Details


LOOKING TO PLACE A BULK ORDER?CLICK HERE