पुस्तक के शीर्षक से ही स्पष्ट है कि जम्बू द्वीपिनी की जय हो।जम्बू द्वीपिनी कौन है?जम्बू द्वीप की शक्ति ही हैं जम्बू द्वीपिनी।जैसे भारत मातावैसे ही जम्बू द्वीपिनी।वास्तव में दोनों दो अलगअलग शक्ति नहीं हैएक ही हैं।पहले हमारा सनातन धर्म का शासन समस्त जम्बू द्वीप पर थाआज केवल आज के भारत पर है।पुस्तक का उद्देश्य हैहमारी चेतना को झकझोरनाकि हम क्या थे?क्या हो गए हैं?पुनः महान बनने के लिए हमें क्या करना चाहिए?ज्ञानपुरुषार्थ और अधर्म पर आक्रमण व उसका विनाश ही वह मार्ग हैजिससे भारत महान बन सकता हैअन्य कोई मार्ग नहीं है।गंगा जमुनी तहजीब एक व्यर्थ का हिन्दू वंचक उपक्रम हैऔर कुछ नहीं।
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