JEETA RAHE SWADESH

About The Book

‘जीता रहे स्वदेश कवि के लगभग दो सौ नए-पुराने गीतों का संग्रह है। इस संग्रह के गीत मानव-जीवन की आस्थाओं से गहरा सम्बन्ध रखते हैं। ये आस्थाएँ अपने समाज धर्म संस्कृति ईश्वर और नदी-वृक्ष-धरती आदि प्रकृति की धरोहरों के संरक्षण से जुड़ी हुई हैं । इस संकलन में राष्ट्रप्रेम के गीतों को विशेष स्थान दिया गया है । साथ ही आतंकवाद भ्रष्टाचार और राष्ट्रीय विखण्डन जैसी समस्याओं का हल खोजने की भी कोशिश की गई है। होली दीवाली रक्षाबन्धन जन्माष्टमी ईद और शिवरात्रि आदि भारतीय त्यौहारों को लेकर भी इस पुस्तक में गीत लिखे गए हैं। कुछ गीत सर्दी आदि मौसम से जुड़े हुए हैं और कई गीत वर्तमान-युग की सबसे बड़ी त्रासदी ‘कोरोना-संकट’ को लेकर रचे गए हैं । देश के शहीद बापू और महात्मा बुद्ध जैसी अविस्मरणीय हस्तियों को गीतों के माध्यम से श्रद्धांजलि देने का प्रयास किया गया है। इस संकलन की काव्य-रचनाओं में काविड-महामारी से बचने के उपायों पर भी गहराई से चर्चा की गई है। कोरोना-काल में प्रकाशित हो रहे इस गीत-संग्रह के ऊपर यद्यपि कोविड-महामारी का पर्याप्त प्रभाव देखा जा सकता है लेकिन संग्रह के कई गीतों का सृजन कवि ने महामारी से पूर्व के स्वस्थ-वातावरण में भी किया.है। संकलन में कवि द्वारा फेसबुक और वाट्स-अप की सोशल-साइटों पर अलग-अलग समय में पोष्ट की गई अब तक की प्रायः सभी लयबद्ध (तुकान्त अथवा छन्दयुक्त) काव्य-रचनाओं को शामिल करने की चेष्टा की गई है।
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