Jeevan Gaatha – Vaamapanth Se Dakshinapanth
Hindi

About The Book

इस पुस्तक में आम इंसान का जीवन गाथा ज्ञान प्रस्तुत किया गया है। मेरा बचपन किस तरह गुजरा मात्र 4 वर्ष की उम्र में ही मुझे पढ़ने-लिखने की गजब लालसा थी। उसी तरह मैं 5 वर्ष की उम्र से ही ‘रामायण’ अपने दरवाजे पर लालटेन जलाकर प्रतिदिन शाम से रात 8 बजे तक पढ़ता था। मेरी स्कूल की पढ़ाई 2 क्लास से सीधे 4 क्लास में लिखवाई गई। देवरी जपला सी फैक्ट्री स्कूल से ही पढ़ाई की। मैट्रिक के बाद रांची कॉलेज रांची में पढ़ाई की। बीए की परीक्षा नहीं दे पाया। मेरे जीवन में पारिवारिक मुसीबत ने मुझे मजबूर किया और औरंगाबाद जिला बिहार में यादव कॉलेज से बीए परीक्षा के लिए फॉर्म भी भरा; लेकिन गाड़ी चलाने घर-परिवार की मुसीबत के कारण नहीं कर पाया। उसके बाद भूमिगत संगठन पार्टी यूनिटी के सेंट्रल कमिटी के लोगों के साथ गरीबों की समस्या को लेकर हुसैनाबाद छतरपुर हरिहर गंज विश्रामपुर प्रखंड में न्यूनतम मजदूरी और सामाजिक न्याय के लिए संघर्ष किया फिर भाकपा माले से सक्रिय जुड़कर औरंगाबाद पलामू चतरा गिरिडीह आदि जिले में सक्रिय भूमिका निभाई। गलत लोगों का हर जगह विरोध किया और अच्छे लोगों का हमेशा साथ दिया। मुझे बचपन से ही कुछ लिखने का शौक था। कुछ लिखा भी रेडियो कार्य कर्म में भी कुछ बातें आई थीं; लेकिन अभी जपला के अंगद किशोर पत्रकार इतिहासकार के उत्साहवर्धन के कारण यह जीवनी पुस्तक लिखी और आप सभी की प्रेरणा के कारण आगे भी कुछ पुस्तक लिखने का प्रयास करूंगा।
Piracy-free
Piracy-free
Assured Quality
Assured Quality
Secure Transactions
Secure Transactions
Delivery Options
Please enter pincode to check delivery time.
*COD & Shipping Charges may apply on certain items.
Review final details at checkout.
downArrow

Details


LOOKING TO PLACE A BULK ORDER?CLICK HERE