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About The Book

जीवन-पथ पर चलते-चलते अनुभव हुआ कि आस-पास बहुत कुछ ऐसा हो रहा है जो कष्टदायक है जिससे मन आहत हो उठता है; इस कष्ट से जनमी पीड़ा ने कविता को जन्म दिया। और यहीं से हुई कवयित्री विजय लक्ष्मी शर्मा के इस प्रथम काव्य-संग्रह की शुरुआत। बहुत कुछ खोने के बाद ही हम समझ पाते हैं खोने का दर्द; जब खुद पर बीतती है तब समझ आती है दूसरों की तकलीफ। यही संसार का नियम है उन्हीं छोटे-छोटे पहलुओं को शब्द देने की एक कोशिश है यह काव्य-संग्रह। जीवन के विविध रंगों को समेटे रिश्तों मनोभावों भावनाओं पर अवलंबित कविताओं का पठनीय संग्रह।.
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