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About The Book
Description
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संगीत और नृत्य में झूमता यह प्रदेश मांदर और बाँसुरी की धुन पर जीते हुए सामूहिकता की भावना को आगे बढ़ाता है। झारखंड राज्य प्रकृति संस्कृति राजनीतिक और भौगोलिक संरचना की सघन विविधता का अद्भुत उदाहरण है। संगीत और नृत्य में झूमता यह प्रदेश मांदर और बाँसुरी की धुन पर जीते हुए सामूहिकता की भावना को आगे बढ़ाता है।करमा सरहुल टुसु सोहराई जैसे पर्व और अनुष्ठानों के बीच जनजातीय जीवन की सादगी तथा स्वच्छता के साथ प्रकृति की सुषमा का वरदान इसकी विशेषता है। चलना जहाँ नृत्य और बोलना जहाँ संगीत-वास्तव में यही झारखंड की परिभाषा एवं प्रस्तावना है। यह पुस्तक झारखंड के विषय में संपूर्ण जानकारी देती है।दस अध्यायों में विभक्त यह पुस्तक प्रदेश की ऐतिहासिक भौगोलिक राजनीतिक सामाजिक सांस्कृतिक और आर्थिक स्थिति का विस्तार से विश्लेषण करती है। सामाजिक झारखंड में वर्तमान में हुए विकास और परिवर्तन की तर्कपूर्ण और रोचक प्रस्तुति इसे विशिष्ट बनाती है।इसके अलावा झारखंड में क्रियान्वित विभिन्न योजनाएँ संप्रति झारखंड सांख्यिकीय उपस्थापन और झारखंड प्रश्नावली जैसे प्रतियोगितापरक अध्याय इसके मुख्य आकर्षण हैं। यहाँ ज्ञानवर्धक तथ्यों के साथ-साथ एक विचारपरक व्याख्या भी है जिससे यह पुस्तक न केवल प्रतिभागियों की दृष्टि से अपितु शोधकों अध्यापकों और पाठकों के झारखंड दिग्दर्शन हेतु पूर्णतया उपयोगी और पठनीय है।