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About The Book
Description
Author
जिन आम नागरिकों के संघर्षों पर कलमकार कहानियाँ लिखते हैं उन्हें समझना होगा कि समाज के इस महत्वपूर्ण अंग के संघर्ष तो आम नागरिकों से भी अलग हैं। सैनिकों के साथ-साथ उनके परिवार तक हर दो वर्ष में अपनी ज़मीन से उखड़ कर बिल्कुल अनजान ईलाकों में रहने को बाध्य हो जाते हैं। भाषा-संस्कृति और जीवन-शैली की विविधता वाले देश में अपने आप को पीछे रख कर देश को सर्वोपरि मानने वाले इस समाज की अनदेखी मेरे लिए समझ से परे की बात है। महिलाओं का एक विशाल समूह जो बिना वर्दी पहने सैनिक की भूमिका निभाता है। जो सैनिकों की तमाम जिम्मेदारियाँ अपने ऊपर ओढ़े रखती हैं इसके बावजूद वे किसी तरह के प्रमाणपत्र की अपेक्षा नहीं रखतीं। ऐसी बिना वर्दी वाली महिलाओं का इतिहास सैनिक इतिहास के जितना ही प्राचीन है। मुझे यक़ीन है कि साहित्यकारों की कलम इन महिलाओं की आँखों में बसे लंबे इंतज़ार के साथ आत्मविश्वास को पहचानने में असमर्थ नहीं हो सकती। सैनिकों की पत्नियों को अपनी पहचान अपनी काबिलियत को पूरी तरह भुला कर सैनिक को पहचान दिलवानी होती है। उच्च शिक्षित आधुनिक मसिलाएं भी निरंतरता से अपने नाम अपनी पहचान की कुर्बानी देती हैं। निरंतर तबादले झेलने वाले जीवन में सैनिक की जीवनसंगिनी को अपनी नौकरी और अपनी पहचान को त्याग कर सिर्फ मिसेज एक्स वाई जेड... बन कर रहने की विवशता झेलनी होती है। इस समाज से जुड़ी महिलाओं के पास हमेशा अपनी पहचान बनाने या गृहस्थी बचाए रखने में से किसी एक विकल्प को चुनने की चुनौती होती है। यह संघर्ष सैनिकों की गृहस्थी दांपत्य जीवन या महिलाओं के मन में पलती कुंठाओं का जिम्मेदार भी होता है। वृहद लेखकीय विषयों वाला यह जीवन भविष्य में अलग-अलग रंगों की कहानियाँ पाठकों को देगा मैं ऐसी उम्मीद करती हूँ।