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About The Book
Description
Author
वर्तमान को बदल नया इतिहास रचने वाले वही हैं जिनसे दुनिया का पहिया चलता है और उन्हें हाशिए पर ढकेल दिया गया है। उनमें हथौड़े जैसी ताकत है। साहस और हिम्मत ऐसी कि मजबूत से मजबूत दीवार दरक जाए। राजा का तख्ता पलट देने की कुव्वत है। कविता इन्हीं के कदम-ब-कदम चलती है- ‘भरोसा रखिए कविता पर/ कविता अपना काम धीरे-धीरे करती है/ कविता कभी शोर नहीं मचाती’। उमेश पंकज इसी भरोसे के कवि हैं और कविता पर भरपूर भरोसा रखते हैं। वे शोर नहीं मचाते बल्कि जनमानस में उतरते हैं। हालात जितने भी जटिल हों परिस्थितियाँ जितनी भी प्रतिकूल हों संघर्ष नहीं रुकता है और न ही स्वप्न मरता है। उमेश पंकज की कविताएँ इसी संघर्ष और स्वप्न की कविताएँ हैं।