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About The Book
Description
Author
‘जूठन’ ओमप्रकाश वाल्मीकि की आत्मकथा है ! इसका पहला भाग बरसों पहले प्रकाशित होकर आज हिंदी दलित साहित्य और खासकर आत्मकथाओं की श्रृंखला में एक विशेष स्थान प्राप्त कर चूका है ! वाल्मीकि जी अब हमारे बीच नहीं है अपने जीवन-काल में उन्होंने ‘जूठन’ के बाद साहित्य समाज और संवेदना के दायरों में एक लम्बी यात्रा पूरी की ! कई कथात्मक और आलोचनात्मक कृतियों के साथ उनके काव्य-संग्रह भी आए ! ‘जूठन’ का यह दूसरा भाग उनके उसी दौर का आख्यान है ! आत्मकथा के इस दूसरे भाग की शुरुआत उन्होंने देहरादून की ऑर्डिनेंस फैक्ट्र