Jugnu Ka Junoon
Hindi

About The Book

प्रिय पाठकों नमस्कार आप हम सभी इसी समाज का अभिन्न अंग है हम जब से सोचने समझने लायक हुए तभी से मन में कुछ हलचल बनी रही हम हर विषय पर कुछ न कुछ कहना चाहते थे सांस्कृतिक सामाजिक राजनीतिक व आर्थिक परिदृश्य के दोनों रुप में कुछ परिवर्तन हों ऐसा कर गुजरने का मन बना रहता। जीवन के हर सोपान पर उसके मुताबिक उर्जा आती रही। उसी उर्जा को क़लम के माध्यम से उकेरते रहे। व्यक्ति और समाज का मन जीवन भर नहीं समझ सका। जितना सा चाहा लिखा उनमें से कुछ लम्बे समय की जद्दोजहद के बाद संकलन कर आप के समक्ष पेश करने की हिम्मत की। अच्छा बुरा सब है। अच्छे का चयन आप को करना है। - ओम मेहता
Piracy-free
Piracy-free
Assured Quality
Assured Quality
Secure Transactions
Secure Transactions
Delivery Options
Please enter pincode to check delivery time.
*COD & Shipping Charges may apply on certain items.
Review final details at checkout.
downArrow

Details


LOOKING TO PLACE A BULK ORDER?CLICK HERE