Jyotish Sagar : Samasyaen Aapaki Samadhan Hamare
Hindi


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About The Book

ज्योतिष पर लिखने के पहले मैं प्रणाम करता हूँ उन श्री चरणों में जिनके आशीर्वाद से मैं आज कुछ लिखने के काबिल बन सका। वे कोई और नहीं बल्कि मेरे दादाजी हैं स्व. पंडित देवी प्रसाद व्यास। धर्म-कर्म के अद्भुत ज्ञाता प्रकांड पंडित और विवाह पद्धति सहित कई ग्रंथों के रचयिता स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मेरे दादाजी की कृपा के बिना ज्योतिष पर लिखना संभव नहीं था। बदलते वक्त परिवेश और दौर में ज्योतिष में कुछ नया लाने की तमन्ना सालों से मन में रही है। मेरे इन अरमानों को पंख लगा दिए मेरी पत्नी श्रीमती बबीता व्यास ने। उन्होंने मुझे प्रेरित किया कि मैं अपने वर्षों के अनुभव को सबके सामने पुस्तक के रूप में लाऊं। इसीलिए यह पुस्तक आज आपके हाथ में है। इस पुस्तक में मैंने ‘गागर में सागर’ भरने का प्रयास किया है। इस पुस्तक की विशेषता यह है कि इसमें सौ अनुभूत प्रयोगों (आजमाए हुए) की सटीक जानकारी की गई है। इसके अलावा नौ ग्रह 12 राशियां 27 नक्षत्र 7 वार रंग रत्न रूद्राक्ष सहित सौ अतिविशिष्ट जानकारियों का समावेश किया गया है। इतना ही नहीं ग्रहों की दशाओं के फल और कुछ अलग हटकर 50 खास बातों को भी इसमें शामिल किया गया है। अंत में आभार उनका जिनके प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष सहयोग के बिना इस पुस्तक की परिकल्पना नहीं की जा सकती थी। मेरे चाचाजी पंडित भरत लाल व्यास जी बड़े भैया श्री अरविंद व्यास श्री उमेश पाठक मेरे मित्र श्री रविंद्र तैलंग और श्री अखिलेश झा। इस पुस्तक को सरल भाषा में न सिर्फ लिखने की प्रेरणा मेरी पत्नी श्रीमती बबीता व्यास ने दी बल्कि इस कार्य में मेरा अनंत सहयोग भी किया। आशा करता हूं मेरा लेखन आपको जरूर पसंद आएगा। यदि इस पुस्तक के अध्ययन से कुछ लोग भी लाभान्वित हुए तो मेरा परिश्रम सार्थक होगा।
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