Kaala Jadu

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आँखे पहले की तरह वापस बंद हो गयी ।  जब पुनः खुली तो मै रसोई की उसी छत पर था अनीशा मुझे हैरानी से देख रही थी मुझे आँखे खोलते ही उसने मुझसे पूछा की क्या सोचा आपने इस बारे मे ? मैने उसे शांत रहने के लिए कहा  फिर मैने लाल मणि वाली अंगूठी अपनी अनामिका से निकाल कर  अपने   बाएं  हाथ की तर्जनी में पहन ली ।  फिर मैने अपनी वह उंगली सूर्य की ओर कर दी जैसे ही सूर्य की किरणें उस लालमणि पर पङी उस मणि से परिवर्तित होकर लाल रंग मे बदल गयी ।  फिर वो किरणें चारों ओर बिखरने  लगी उन किरणों कि जद  मे जो भी जानवर आता जा रहा था वह सम्मोहन से मुक्त होकर वापस जंगल की ओर भाग रहा था ।  थोङी देर मे सारे जानवर जंगल मे चले गये ।  इस काम से अनीशा आश्चर्य भर उठी और बोली आकाश इस लालमणि की ताकत इतनी बङी है ।
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