प्यार के नाम पर बरगलाई गई एक सद्गृहस्थ युवती के पाप और अनोखे दंड और विचित्र प्रायश्चित की यह मार्मिक कहानी है जिसे ह्दयस्पर्शी ढंग से उकेरा गया है। इस उपन्यास का साफ संदेश है कि यदि कोई वासना के वशीभूत होकर किसी को प्रेम जाल में फंसाता है तो विद्रोह की तपिस औरत के सौंदर्य को धूल धूसरित कर देती है| About the Author दत्त भारती आधुनिक हिन्दी साहित्य के प्रमुख लेखक कवि नाटककार और सामाजिक विचारक थे। कहानी कविताओं और लेखों के अलावा आपने कई सौ उपन्यास लिखकर साहित्य में अपना एक अलग विशिष्ट स्थान बनाया है। आपको समाजसेवा एवं लेखन के लिए कई पुरस्कार भी मिले हैं|
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