कृश्न चंदर छोटी सी बात से प्रेरणा लेकर कोई बड़ा तथ्य उजागर कर देते हैं। यहां तक कि उनकी प्रेरणा के स्रोत अखबार के शीर्षक और कालम भी हो सकते हैं। उनकी लेखनी मे सहज प्रवाह है। व्यंग्य भी करते हैं तो करारा। कांच के टुकड़े आपको यही अहसास कराएगी| About the Author कृश्न चन्दर हिन्दी और उर्दू के कहानीकार थे। उनका जन्म 23 नवंबर 1914 को वजीराबाद ज़िला गूजरांवाला (अब पाकिस्तान) में हुआ था। उनका बचपन पुंछ (जम्मू और कश्मीर) में बीता। उन्होंने अनेक कहानियाँ और उपन्यास लिखे हैं। उनके जीवनकाल में उनके बीस उपन्यास और 30 कथा-संग्रह प्रकाशित हो चुके थे|