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About The Book
Description
Author
कब तक पुकारूँ रांगेय राघव द्वारा लिखा गया एक अद्भुत उपन्यास है। जिसमें राजस्थान और उत्तर प्रदेश की सीमा से जुड़ा 'बैर' एक ग्रामीण क्षेत्र की कहानी कहता है। वहाँ नटों की भी बस्ती है। तत्कालीन जरायम पेशा करनटों की संस्कृति पर आधारित एक सफल आंचलिक उपन्यास है। सुखराम करनट अवैध सम्बन्ध से उत्पन नायक है। नट खेल तमाशे दिखाते हैं और नटनियाँ तमाशों के साथ-साथ दर्शकों को यौन संतुष्टि देकर आजीविका में इजाफा करती हैं। करनटों की युवा लड़कियां प्रायः ठाकरों के पास जाया करती थीं। नैतिकता क्या है इसका ज्ञान उन्हें नहीं था। थोड़े से पैसों की खातिर वे कहीं भी चलने को तैयार हो जाती थीं।