Kabhi Gaanv Kabhi College । कभी गाँव कभी कॉलेज
shared
This Book is Out of Stock!
Hindi


LOOKING TO PLACE A BULK ORDER?CLICK HERE

Piracy-free
Piracy-free
Assured Quality
Assured Quality
Secure Transactions
Secure Transactions
Fast Delivery
Fast Delivery
Sustainably Printed
Sustainably Printed
*COD & Shipping Charges may apply on certain items.
Review final details at checkout.
158
199
20% OFF
Paperback
Out Of Stock
All inclusive*

About The Book

ये कहानी है ऊँची दुकान के फ़ीके पकवानों की बड़े-बड़े नाम वालों की पर छोटे दर्शन वालों की। कहानी में जब-जब कॉलेज का ज्वार चढ़ता है गाँव में आते ही भाटा सिर पर फूट जाता है।कहानी के किरदार ऐसे कि प्रैक्टिकल होने के नाम पर ग़रीब आदमी की लंगोट भी खींच लें। कुछ कॉलेज के छात्र ऐसे हैं जिनकी जेबों तक से गाँव की मिट्टी की सुगंध आती है और कुछ ऐसे जो अच्छे शहरों की परवरिश से आकर इस ओखली में अपना सि‍र दे गए हैं।कहानी के हर छात्र का सपना आईएएस/आईपीएस बनने का नहीं है कोई सरपंच भी बनना चाहता है तो कोई कॉलेज ख़त्म होने के पहले ही ब्याह का प्लेसमेंट चाहता है।कहानी में अर्श है और फ़र्श भी आसमान भी है और खजूर भी। कहानी में गाँव में कॉलेज है या कॉलेज में गाँव प्रेम जीतता है या पढ़ाई दोस्ती जीतती है या लड़ाई– ये आपको तय करना है।
downArrow

Details