Kachhuon Ka Mahayuddha


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About The Book

यह कहानी है महर्षियों और देवताओं की। यह कहानी है भगवान के अवतारों और मशीनी जंग की। यह कहानी है दिव्यलोकों की महारानियों और महाराजाओं की। यह कहानी है रोशनी के पत्थरों और दिव्य शिलाओं की। यह कहानी है कछुओं के महानतम संसार की। यह कहानी है कछुओं के महायुद्ध की। ‘जादुई पानी और आदमखोर बिल्लियाँ’ पाँच खण्डों में पैली ‘कछुओं का महायुद्ध’ महागाथा का पहला खण्ड है। इस खण्ड में कथा की शुरूआत प्रेमी युगल ‘राज और किरण’ से होती है जो अपना हनीमून मनाने निकले और घूमते-घूमते हिमालय के मध्य में बसे एक ऐसी नगरी में पहँुच जाते हैं जो आज भी खुद को मानवों की ऩजरों से छुपाये हुये है। यह अद्भुत नगरी है बोलते हुए कछुओं की जहाँ हर कछुए के जन्म का एक मात्र उद्देश्य है ‘अमृत-कलश की रक्षा। राज और किरण के उस अद्भुत नगरी में पहुँचने के बाद ऐसी घटनाओं का क्रम शुरू होता है जो महायुद्ध की शुरूआत का कारण बनता है। क्या राज और किरण का कछुओं की नगरी में पहुँचना संयोग मात्र था? क्या है जादुई पानी और आदमखोर बिल्लियों का रहस्य? महायुद्ध का क्या परिणाम हुआ?.
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