प्रेमचंद (1880-1936 ई.) विश्वस्तर के महान् उपन्यासकार और कहानीकार हैं। उनके उपन्यासों तथा कहानियों में हिन्दी के करोड़ों पाठकों को तो प्रभावित किया ही है भारत की अन्य भाषाओं के पाठकों के ह्रदयों का स्पर्श भी किया है। उन्होंने रूसी फ्रेंच अंग्रेजी चीनी जापानी इत्यादि भाषाओं में हुए अनुवादों के द्वारा विश्व भर में हिंदी का गौरव बढ़ाया है। प्रेमचंद जनता के कलाकार थे। उनकी कृतियों में प्रस्तुत जनता के सुख-दुःख आशा-आकांक्षा उत्थान-पतन इत्यादि के सजीव चित्र हमारे ह्रदयों को हमेशा छूते रहेंगे। वे रवीन्द्र औऱ शरत् के साथ भारत के प्रमुख कथाकार हैं जिनको पढ़े बिना भारत को समझना संभव नहीं है। About the Author प्रेमचंद (1880-1936 ई०) विश्वस्तर के महान् उपन्यासकार और कहानीकार थे। उनके उपन्यासों और कहानियों ने हिन्दी के करोड़ों पाठकों को तो प्रभावित किया ही है भारत की अन्य भाषाओं के पाठकों के हृदयों का स्पर्श भी किया है। उन्होंने संसार की रूसी फ्रेंच अंग्रेजी चीनी जापानी इत्यादि भाषाओं में हुए अनुवादों के द्वारा विश्व भर में हिंदी का गौरव बढ़ाया है। प्रेमचंद जनता के कलाकार थे। उनकी कृतियों में प्रस्तुत जनता के सुख-दुःख आशा-आकांक्षा उत्थान-पतन इत्यादि के सजीव चित्र हमारे रूप को हमेशा छूते रहेंगे। वे रविन्द्र और शरत् के साथ भारत के प्रमुख कथाकार है जिनको पढ़े बिना भारत को समझना संभव नहीं। इसी प्रकार ‘कफ़न’। कथाशिल्पी का एक अनूठा कहानी-संग्रह है। - प्रेमचंद
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