लगातार दक्षिणपंथ की ओर सरक रही दुनिया में ललित जी अपने प्रगतिशील विचारों के साथ बचे रहेंगे लगातार स्तर खो रही पत्रकारिता के बीच उनकी पत्रकारिता की सीख बची रह जाएगी और लगातार निरपेक्ष हो जाने की होड़ के बीच हस्तक्षेप की ललित जी की इच्छा बची रह जाएगी। कभी कभी हम इस बचे हुए हिस्सों को जोड़कर उनको फिर से हासिल करने का प्रयास करते रहेंगे और जो कुछ वे अधूरा छोड़ गए हैं उसे पूरा करने की कोशिश करते रहेंगे। यही उनको सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
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