Kahani Jammu-Kashmir Ki (Hindi Translation of Kashmir Narratives: Myths Vs Realities of J&K)


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About The Book

कश्मीर-जम्मू और कश्मीर है से मकबूल शेरवानी ने कश्मीर को बचाया डोगराओं ने कश्मीरियों पर अत्याचार किया विलय के दस्तावेज पर कभी हस्ताक्षर नहीं किए गए से लेकर कश्मीरी अलग हैं और एक विशेष सुलूक के हकदार हैं बहुत से आख्यान—झूठे और विश्वास करने लायक दोनों कई दशकों से जम्मू-कश्मीर के बारे में राजनीतिक और अकादमिक बातचीत के केंद्र बिंदु रहे हैं।इस काम में ऐसे आख्यानों पर जानबूझ कर एक नजर डाली गई है क्योंकि ये हमारे इतिहास की सबसे महत्त्वपूर्ण अवधि से संबंधित हैं और जम्मू-कश्मीर के लोगों के मन-मस्तिष्क को प्रभावित करते हैं। किंतु कई समीक्षक आज भी भुलावे और भ्रमित मनस्थिति में हैं।यह पुस्तक उन लोगों की मदद कर सकती है जो हमारे देश के प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों में कुछ आख्यानों का मजमून खोजने के लिए घूम रहे हैं। आशा है कि जो पाठक इस पुस्तक को पढेंग़े उनके पास इसमें निहित मुद्दों के बारे में अपना विचार बदलने के कारण होंगे; यदि कोई भी बदलाव होगा तो वह इस पुस्तक में प्रस्तुत किए जा रहे तर्क की कसौटी पर होगा।
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