KAIDKHANE KA AAINA : JAIL DAIRY ( कैदखाने का आईना : जेल डाइरी )

About The Book

यह किताब स्वतंत्र पत्रकार रूपेश कुमार सिंह के जेल जीवन पर आधारित है। लेखक ने अपने जीवन के महत्वपूर्ण 6 महीने बिहार के दो जेलों में बिताए हैं। इस दौरान उन्होंने जो कुछ भोगा उसे ही कागज पर उतारा है। इस किताब के जरिए आप जान पाएंगे कि किस तरह एक पत्रकार को सिर्फ सच लिखने व बोलने के कारण फर्जी मुकदमे में फंसाकर जेल के सींखचों में बंद कर दिया जाता है ताकि उनके साथ-साथ उनकी लेखनी को भी कैद कर लिया जाय।
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