This combo product is bundled in India but the publishing origin of this title may vary.Publication date of this bundle is the creation date of this bundle; the actual publication date of child items may vary.राहगीर अपने कबीरीयत के लिए पहचाने जाते हैं। राहगीर ने अपनी कविताई और गायकी के माध्यम से सामाजिक विसंगतियों तथा विडंबनाओं पर कुठाराघात किया है। ‘समझ गए या समझाऊँ?’ राहगीर का दूसरा कविता-संग्रह है जिसमें कवि का चिर-परिचित तेवर मौजूद है।कैसा कुत्ता है!' घुमक्कड़ कलाकार गायक और कवि राहगीर की कविताओं का पहला संकलन है। इस संग्रह में राहगीर के लोकप्रिय गीतों के साथ बहुत-से ऐसे गीत और कविताएँ शामिल हैं जो अभी तक न कहीं प्रकाशित हुए हैं और न ही प्रस्तुत।अगर कुएँ में पत्थर फेंकने की ख़ुशी पानी है तो कुछ कबूतरों की ज़िंदगी तो हराम करनी ही पड़ती है—किसी मासूम बच्चे को ऐसे विचारों और सिद्धांतों तक पहुँचने में कितना दर्द और कितनी नफ़रत लगती है उसका आप अंदाज़ा भी नहीं लगा सकते। आहिल एक छोटे-से गाँव के एक छोटे से घर में जन्मा पला-बढ़ा लेकिन उसकी दुनिया आप और मेरे से बहुत अलग रही और उसी दुनिया की सैर कराने के लिए यह किताब लिखी गई है।<p>आहिल के हिसाब से दुनिया में दो तरह के लोग होते हैं। एक तो वे जो किसी रास्ते पर चलते हैं कहीं पहुँचने के लिए और दूसरे वे जहाँ हैं वहाँ से निकल पाने के लिए बस किसी भी रास्ते पर चल पड़ते हैं।<p><p>और दूसरी तरह के लोग जब घर से निकल जाते हैं तो ज़िंदगी उन्हें कहाँ ले जाती है उसके लिए पढ़ें राहगीर का पहला उपन्यास ‘आहिल’।</p>
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