Kaivalya Upanishad (कैवल्य उपनिषद)
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Hindi


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About The Book

ओशो की जीवंत उपस्थिति को शब्दों में अभिव्यक्त करना संभव नहीं है। हां संगीत से कुछ इशारे हो सकते हैं इंद्र-धनुषी रंगों से कुछ चित्र चित्रित हो सकते हैं।मौन को शून्य को आनंद को जिसने अनुभूत कर लिया हो उसने ओशो को जरा जाना जरा समझा। सच ओशो को जीना हो तो ओशोमय होने के अतिरिक्त और कोई उपाय कहां है!सुबह की ताजी ठंडी हवाओं को आप कैसे अभिव्यक्त करेंगे? दो प्रेमियों के बीच घट रहे प्रेम के मौन-संवाद को आप कैसे कहेंगे? अज्ञेय को अनुभूत तो कर सकते हैं लेकिन कहेंगे कैसे?ओशो रहस्यदर्शी हैं संबुद्ध हैं शास्ता हैं आधुनिकतम बुद्ध हैं। वे परम विद्रोह की अग्नि हैं जीवन रूपांतरण की कीमिया हैं।ओशो की पुस्तकों को पढ़ना अपने को पढ़ना है। स्वयं पढ़कर देख लें स्वयं जी कर देख लें।
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