ललित कला प्राध्यापिका सुरेखा रानी की कला एक अहसास पुस्तक कला एवं कलाकारों को समर्पित एक भाव एवं प्रयास है। जिसमें उन्होंने अपने कला मनोभाव को ना केवल चित्रात्मक रूप में उकेरा है अपितु कला के मूलभावों को शब्दों में पिरोने का प्रयास भी किया गया है। कला एक अहसास पुस्तक में जहां छात्रों के लिए बहुत कुछ सीखने एवं ज्ञान अर्जित करने का भाव संकलित है वहीं दूसरी ओर कला शिक्षकों और ललित कला प्राध्यापकों के लिए भी पाठ्यक्रम से संबंधित सहायक सामग्री की विस्तृत जानकारी उपलब्ध करवाई गई है। अपनी पुस्तक कला एक अहसास में इनके एवं इनके छात्रों द्वारा चित्रित भाव को प्रमुखता से स्थान दिया गया है ताकि कला और कलाकार सीखने व सिखाने की ओर अग्रसर हो सके।
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