Kale Din Ke Kare Kagaj


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About The Book

आम जनता का अखबारों और आकाशवाणी से भरोसा उठ गया था। असत्य और अर्धसत्य खबरों से जनता का मोहभंग हो गया था। अंडर ग्राउंड खबरों की साख और विश्वनीयता भंग हो गई थी। हर जिले में ऐसे 10-20 लड़के थे जो रात रात भर जग कर हाथ से लिखे कार्बन कॉपी और साइक्लोस्टाईल से खबरें छापते थे। यह कुछ दिनों में घर घर तक पहुँच जाती थी।
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