कलम परिच में चालीस कविताएँ हैं। हर एक कविता अपना अलग रंग बिखेर रही हौ। इस पपुस्तक में सामाजिक मुद्दे पर आत्म प्रेम पर और प्रेरिक कविताएँ उपलब्ध हैं जो अत्यंत रोचक और मन की गहराइयों तक पहुँचने वाली हैं। कविताएँ सरल भाषा मे लिखी हैं जिनको पाठक आसानी से पढ़ सकते हैं। कविताओं को पढ़ कर आपको सकरात्मक अनुभूति होगी। इन कविताओं में मैं यह कहना छाती हूँ की अगर लोगो में अत्मविश्वश है और वे अपनी समस्याओं का सामना करते है तो वे निश्चित रूप से सफल होंगे। आत्म प्रेम की कविताओं में मैं यह कहना चाहती हूँ की लोगो को खुद के साथ समय बिताना चाहिए और अपनी गलतियों को पहचान कर उन्हें सुधारने का प्रयास करना चाहिए ताकि आगे बढ़ने में कठिनाईयों का सामना न करना पड़े।
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