गोरिकी ने 1892 में लिखना शुरू किया था और ‘मकर चुद्रा’ उनकी पहली कहानी थी। इसके बाद 1893 में उनकी तीन और कहानियाँ छपी थीं जिनके नाम हैं — ‘एक लड़की और मौत’ ‘येमिलियान पिलयाय’ (कहानी के नायक का नाम है) और ‘झूठ बोलने वाली चिड़िया और सत्य के प्रेमी कठफोड़वे के बारे में’। इन चार कहानियों के बाद गोरिकी ने अपनी पहली लम्बी कहानी या उपन्यासिका ‘कमबख़्त पाविल’ लिखी थी। इन सभी रचनाओं को मिलाकर गोरिकी के जन्मनगर नीझनी नोवगरद शहर के दोस्त एक संग्रह छपवाना चाहते थे।
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