बांगला के प्रतिष्ठित कवि दुलाल समाद्दार का यह प्रथम हिन्दी काव्य संग्रह है। मन के अभिव्यत्तिफ़ को व्यक्त करने के लिए कोई भी कवि कविता को माध्यम बनाता है जिसमें भाषा कोई मायने नहीं रखती। दुलाल समाद्दार एक सुलझे हुए परिपक्क कवि हैं। अपनी कविता के माध्यम से समाज के हर विसंगतियों पर अपनी कलम चलाई। साथ ही मैं कुछ बातें दावे के साथ कह सकता हूँ कि कुछ हिन्दी कविताओं के अनछुए पहलू को इस प्रतिष्ठित बांगला कवि ने छूने का प्रयास किया है। इस संकलन की यही खास विशेषता है जो हिन्दी कविता जगत के लिए एक नई पहल होगी। हिन्दी कविता जगत में दुलाल समाद्दार नवोदित कवि जरूर है लेकिन हर नया कवि नए मुहावरा नया बिम्ब नए शब्द गढ़ता है।
Piracy-free
Assured Quality
Secure Transactions
Delivery Options
Please enter pincode to check delivery time.
*COD & Shipping Charges may apply on certain items.