हिंदी साहित्य जगत् के महान साहित्यकारों में गिने जाने वाले युगप्रवर्तक साहित्यकार जयशंकर प्रसाद एक बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं वे हिन्दी कवि कहानीकार नाटककार उपन्यासकार तथा निबन्धकार थे। इनका जन्म 30 जनवरी 1889 ई० को बनारस के काशी उत्तर प्रदेश के एक कलाप्रेमी परिवार में हुआ। जिसके माध्यम से उनकी साहित्य में रुचि बनी। उनके साहित्य के प्रति इसी रुझान ने उन्हें हिंदी का एक महान लेखक सिद्ध किया। आधुनिक काल के छायावादी दौर के चार स्तंभों में एक स्तम्भ कहे जाने वाले प्रसाद ने अपनी लेखन की सूक्ष्मता एवं व्यापकता से न केवल उस युग को देदीप्यपूर्ण बनाया बल्कि समूचा हिंदी जगत् को गौरवान्वित किया। कला वैविध्यता उनकी प्रमुख रचनाओं से प्रकट होता है- काव्य: झरना आंसू लहर कामायनी प्रेम पथिक। कहानी: आकाशदीप गुंडा पुरस्कार सालवती स्वर्ग के खंडहर में आँधी इंद्रजाल छोटा जादूगर बिसाती मधुआ विरामचिह्न समुद्रसंतरण। उपन्यास: कंकाल इरावती तितली। नाटक: स्कंदगुप्त चंद्रगुप्त ध्रुवस्वामिनी जन्मेजय का नाग यज्ञ राज्यश्री कामना एक घूंट। प्रसाद ने साहित्य को एक अलग दृष्टि दी उन्होंने द्विवेदी युग की इत्तिवृतात्मकता को भाव रस तथा सरस संगीत से सराबोर किया भारत के उन्नत अतीत को जीवंत कर राष्ट्रप्रेम को जाग्रत किया आदि से अंत तक भारतीय संस्कृति एवं आदर्शो की भी रक्षा की। अतः संक्षेप में इनकी रचनाओं की शिल्पगत विधि भाषासौष्ठव तथा भावाभिव्यक्ति ने ही इन्हें एक महान साहित्यकार बनाया
Piracy-free
Assured Quality
Secure Transactions
Delivery Options
Please enter pincode to check delivery time.
*COD & Shipping Charges may apply on certain items.