कर्मभूमि - प्रेमचंद जी द्वारा रचित एक राजनीतिक उपन्यास है प्रेमचंद जी ने इस उपन्यास में कुछ परिवारों के माध्यम से देश की राजनीतिक समस्याओं को प्रस्तुत किया है। प्रेमचंद जी ने अपने इस उपन्यास में भारत की उन दिनों की सभी राजनीतिक समस्याएं का जिक्र करते हुए उनके भयावह दुर्दशा को भी व्यक्त किया है। कर्मभूमि उपन्यास की कहानी काशी और उसके आसपास के गांव से संबंधित है। जहां हर जगह आंदोलन क्रांति के उद्देश्य से होता है परंतु उनकी क्रांति गांधीजी के सत्याग्रह से प्रभावित होती है। यह क्रांतिकारी लोग अपने पारिवारिक समस्याओं से जूझने के साथ-साथ तत्कालीन राजनीतिक आंदोलन में भी अपनी भागीदारी दे रहे हैं। यह मूल समस्या ही उपन्यास में शब्दों में बयां की गई है। जिसके बाद कथानक से सारे तत्कालीन सामाजिक और राजनीतिक समस्याओं का जोड़ दिखता है।