कश्मीर के प्रश्न ने स्वाधीन भारत के राष्ट्रीय एवं अंतर राष्ट्रीय नीतियों को सर्वाधिक प्रभावित किया है। पिछले 76 वर्षों से पाकिस्तान के साथ चल रहे प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष युद्धों ने एवं उसके द्वारा प्रायोजित आतंक एवं हिंसा से हमें जन धन की अपूरणीय क्षति हो रही है। आंतरिक रूप से भी कश्मीर की राजनीति असहज एवं हिंसा पूर्ण ही रही है। चार खंडों में प्रस्तुत यह पुस्तक कश्मीर तथा भारत के ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक संबंधों भारत की स्वाधीनता उसके सांप्रदायिक विभाजन आधुनिक भारत एवं कश्मीर का एकीकरण कश्मीर युद्ध एवं संयुक्त राष्ट्र संघ अनुच्छेद 370 की उत्पत्ति क्षरण एवं समाप्ति को पूरी समग्रता में सामने लाती है। यह पुस्तक विषय के मेधापूर्ण विश्लेष्ण एवं भाषा के लालित्य की दृष्टि से अनुपम है।<br>अति सहज एवं सरल रूप में प्रस्तुत यह पुस्तक इस उद्देश से लिखी गयी है कि राष्ट्रीय महत्त्व के प्रश्न पर सच्चाई सामने आए हिंदी भाषा में इस विषय पर एकमात्र पुस्तक।
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