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About The Book
Description
Author
अगर हम पंजाबी लघुकथा की बात करें तो बहुत कम रचनाएँ इस विषय पर मिलती हैं। रोहित कुमार का पंजाबी लघुकथा में प्रवेश कुछ समय पहले ही हुआ है। इससे पहले उनकी ‘नसीहत’ और ‘गंदा ख़ून’ नामक दो लघुकथा संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं और अब यह उनकी तीसरी लघुकथा संग्रह ‘कठपुतलियाँ’ प्रकाशित हो रही है जो समाज के तिरस्कृत खंड कोठेवालियों/वेश्याओं पर आधारित है। लघुकथा में इस वर्ग के दर्द रुदन और छटपटाहट को पकड़ना-वास्तव में एक चुनौतीपूर्ण काम है-जिसे रोहित ने बख़ूबी निभाया है। यह संग्रह इस सवाल को भी पेश करता है कि ऐसे कामों में औरतों को आना ही क्यों पड़ता है? उनकी नर्क भरी ज़िन्दगी के लिए कौन ज़िम्मेदार है? हिंदी लघुकथा के दायरे में इस तरह के संग्रह का स्वागत किया जाना चाहिए। रोहित से यह भी उम्मीद करते हैं कि ये समाज के और अन्य वर्गों की वेदना को अपनी कलम से आवाज़ देंगे।