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About The Book
Description
Author
“काव्या अपने जीवन में त्याग और संघर्ष के उन मूल्यों को दर्शाती है जिसे मेरे पहले उपन्यास “अपरिचिता की लम्बी प्रेम” कहानी का अन्तिम वृत्तान्त भी कह सकते हैं। राकेश और उसकी अपरिचिता (काव्या) एक-दूसरे के साथ खुशहाल जीवन व्यतीत कर रहे हैं। दोनों एक-दूसरे की खुशी के लिए समर्पित हैं। सबकुछ सामान्य सा है । पर परिवार की मान्यताओं जिसे हम वंश बृद्धि कहते हैं उसके निमित्त जीवन में जो उथल-पुथल प्रारम्भ होती है वह सम्भाले नहीं सम्भलतीं। यह रचना विषेश रूप से “अपरिचिता के उन पाठकों के लिए है जिन्होंने राकेश एवं काव्या के प्रेम के मर्म को आत्मसात किया। उनके लिए भी है जो शादी तो अपने प्रेमी से ही करना चाहते हैं पर शादी से जुड़ी पारिवारिक जिम्मेदारियों तथा सामाजिक मान्यताओं से उपजी चुनौतियों के कारण प्रेम में जन्मी दरारों को भरने से चूक जाते हैं।