श्री हिदायत अली कमलाकर का जन्म ग्वालियर (म. प्र.) में हुआ। शिक्षा-दीक्षा ग्वालियर और शिवपुरी में हुई। ग्वालियर से आपने साहित्य सुधारकर की परीक्षा उत्तीर्ण की एवं शिवपुरी से शारीरिक शिक्षा में पत्रोपाधि प्राप्त की। यद्धपि आपकी मातृभाषा उर्दू है किन्तु आरम्भ से आपका झुकाव हिंदी साहित्य की और रहा। आपकी कई सत्य कथाएँ सत्यकथा में 1980-85 के बीच प्रकाशित हुई। इसके पूर्व आपकी रचनाएँ फात्मा इरशाद के नाम से फ़िल्मी पत्रिकाओं में छपती रही। काठ का घोड़ा बाल-नाटक कागज की नाव कबीर से कमलाकर कालजयी खंड काव्य का प्रकाशन हो चुका है। सन 1997 में प्रकाशित कृति बीणा को म.प्र. राष्ट्रभाषा प्रचार समिति द्वारा पं. हरिहर निवास द्विवेदी पुरस्कार प्राप्त हुआ। वर्तमान में नर-नारी-नारीश्वर किशन मोहे तारो विनय पत्रिका कमलाकर के कलमदान’’ से और पाली का मंदिर ग्रन्थ अभी प्रकाशनाधीन अवस्था में है। आपके द्वारा लिखित नाटकों का मंचन भी काफी लोकप्रिय रहा है। अनेक रचनाएँ स्तरीय पत्र-पत्रिकाओं में समय-समय पर प्रकाशित व आकाशवाणी के विभिन्न केन्द्रो से प्रसारित होती रही है। सम्प्रतिः आप शासकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालय बिलासपुर में क्रीड़ा अधिकारी के पद से सफलता पूर्वक सेवानिवृत होकर वर्तमान में स्वतंत्र रूप से साहित्य सृजन में संलग्र हैं।
Piracy-free
Assured Quality
Secure Transactions
Delivery Options
Please enter pincode to check delivery time.
*COD & Shipping Charges may apply on certain items.