Khilkhilaata Harasingaar

About The Book

मैं अपना परिचय क्या दूं !कश्मीर की सुनहरी वादी में बसा श्रीनगर मेरा जन्मस्थल रहा। शिक्षा ऐतिहासिक और शैक्षणिक नगरी ग्वालियर में प्राप्त की। उसके बाद केंद्रीय विद्यालय ही मेरा कर्म क्षेत्र रहा। जब केन्द्रीय विद्यालय में कार्य प्रारंभ किया तो सोचा था कि कुछ समय कार्यानुभव प्राप्त करके महाविद्यालय को ही अपना कर्म क्षेत्र बनाऊंगी पर विद्यालय की कार्यप्रणाली ने ऐसा मोहा कि कहीं और जाने का मन ही नहीं हुआ। यहां का अनुशासन छात्रों का निश्छल प्रेम एक असीमित उत्साह और आनन्द देता रहा ।इस तरह विविध स्थानों पर कार्य करते हुए देश की राजधानी दिल्ली से प्राचार्या के रूप में सेवानिवृत्ति के उपरान्त लेखनी जो बीच के समय में रुक गई थी उसको ही अपना जीवन संबल बना लिया।मेरी प्रथम काव्य पुस्तक विचारों की सोन चिडिया को जो आपने प्रेम दिया उससे प्रेरित होकर दूसरी पुस्तक अपना अपना आसमान आप सबके समक्ष प्रस्तुत की जिसमें यात्रा संस्मरण लघुकथाएं और कुछ कहानियां हैं।
Piracy-free
Piracy-free
Assured Quality
Assured Quality
Secure Transactions
Secure Transactions
Delivery Options
Please enter pincode to check delivery time.
*COD & Shipping Charges may apply on certain items.
Review final details at checkout.
downArrow

Details


LOOKING TO PLACE A BULK ORDER?CLICK HERE