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About The Book
Description
Author
खुश रहने के लिए कुछ ज़्यादा करने की ज़रूरत नहीं है। बस सहज होने की कोशिश करें और आप देखेंगे कि जिसे आप दुख मानकर अपनी जि़न्दगी का उल्लास छोड़ बैठे हैं उसमें भी एक सुख है। होनी को सरल भाव और खुले मन से स्वीकारें और आप देखेंगे कि आपकी इच्छाशक्ति आपको कहाँ ले जाती है। हँसिए और जब मन भर जाए तो खुलकर रोइए भी। रोना उतना बुरा नहीं है जितना माना जाता है इससे आप नए हो जाते हैं। दिमाग से काम लें लेकिन दिल की भी सुनें पुस्तकें पढ़कर अपनी कल्पना को नया आकाश दें और खुशी के परिन्दों के साथ उड़ें। यह पुस्तक ऐसी ही छोटी-छोटी बातों से आपको जीना सिखाती है खुश रहना सिखाती है। और बताती है कि जीवन अपने आप में ही कितना सुखकारी कितना अनमोल वरदान है; जरूरत है बस हिम्मत धीरज और सहनशीलता के साथ उसे जीना सीखने की। आशा है यह किताब इस राह में अवश्य ही आपकी हमस$फर बनेगी।.