खुली किताब एक ऐसे विषय है उसमें औरत की हूनंर.और धैर्य शक्ती ज्यादा है । लोग समझते हैं की औरत अवला है ।उसे सिर्फ चूल्हे चौके काम.करना चाहिए ।.मगर सचाई यह है कि औरत जो कर सकती है पुरुष वह कर.नहीं सकता है । इसलिए हर एक औरत को शिक्षित होना अनिवार्य है । और यह काम अपने घर परिवार से शुरू होना आवश्यक है अगर औरत ममता की मूर्त होती है तो जरूरत पडने पर खुद के लिए कमर कस कर खडी हो सकती है ।.हर जगह पर औरत को सम्मान देना भी आवश्यक है । तब जाकर देश की प्रगति होती है उसमें कोई दो राय नहीं हैं
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