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About The Book

About the Book: किरदार चेहरों के सौ रंग जहाँ युवा सोच और रोमांचित कर देने वाली ग़ज़लों को सामने लाता है वहीँ गहरे दर्शन को भी अपनी कविताओं में जगह देता है. निश्चित ही किसी किरदार की भांति यहाँ कविताओं ग़ज़लों और नज्मों के सौ रंग्ग दिखते हैं About the Author: डॉ अनूप कैन्थोला भारतीय सेना के सेवानिवृत्त अफसर के पुत्र हैं | माइक्रोबायोलॉजी विषय में PhD करने के उपरांत इन्होने DRDO जैसे उच्च शोध संस्थान में रेडिएशन बायोलॉजी विभाग में शोध कार्य संपन्न किया | इनके शोध पत्र देश विदेश के उच्च कोटि वैज्ञानिक शोध पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहे हैं | भारत सरकार के केंद्रीय मंत्रालय में इन्होने कुछ वर्ष अपनी सेवाओं को देने के पश्चात त्यागपत्र दे दिया | वेदांत और अध्यात्म के प्रति इनका झुकाव इन्हें एक बार फिर से उत्तराखंड के पहाड़ों जंगलों में ले गया जहाँ ये वर्तमान में अध्यात्मिक क्रियाओं में समय दे रहे हैं. प्रस्तुत संग्रह डॉ अनूप कैन्थोला के इसी यात्रा के दौरान लिखी गई ग़ज़ल कविता और नज्मों का अनूठा संगम है जहाँ युवा थाप और दर्शन को अनोखी जगह मिलती है | छोटी सी आयु में इनका अप्रतिम भावनाओं का सफ़र इनकी कविताओं और ग़ज़लों में दृष्टिगोचर होता है |
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