कैलाश को विश्व की धुरी माना जाता है। महादेव का सपरिवार निवास बताया जाता है। किन्तु कैलाश अकेले नहीं हैं। इस पृथ्वी पर पांच कैलाश बताये गए हैं। जिनमे से प्रमुख कैलाश जिन्हें हम ‘कैलाश मानसरोवर’ कहते हैं वह तिब्बत में स्थित है। उनके अलावा बाकी चार कैलाश भारत में हैं। जिनमे श्रीखण्ड महादेव किन्नौर कैलाश और मणिमहेश भारत के हिमाचल प्रदेश में आते हैं और आदि कैलाश उत्तराखंड में स्थित है। भारत के इन कैलाशों में से श्रीखण्ड महादेव एवं किन्नौर कैलाश को सर्वाधिक कठिन बताया गया है। यह यात्रा श्रृंखला इन्ही कैलाशों को एवं उनके अध्यात्मिक महत्व को जानने का प्रयास है। “चट्टानों के छोर से दिखाई देती खाई का तल दिखाई ही नहीं दे रहा था वह एक अंतहीन गहराई थी जो दिखने में जितनी सुंदर और अकल्पनीय थी उतनी ही डरावनी भी लग रही थी। ऐसा लग रहा था जैसे हम दुनिया के अंतिम छोर पर एक छोटी सी चट्टान के सहारे लटके हुए है यहाँ से गिरे तो पता नहीं तल तक पहुँच भी पायेंगे या नहीं? क्या पता तल तक पहुँचने के बजाय हम किसी दुसरे आयाम या किसी दुसरे ब्रम्हांड में पहुँच जाए। मुझे अब तक विश्वास नहीं हो रहा था कि वास्तविकता में मैं ऐसा कोई दृश्य देख रहा हूँ प्रतीत हो रहा था जैसे मैं किसी स्वप्न में हूँ। मस्तिष्क से शरीर का जैसे संबंध ही समाप्त हो गया था लग रहा था जैसे मैं अवचेतन दुनिया में कहीं भटक रहा हूँ। जहां काल्पनिक दृश्य भी जैसे साकार रूप ले रहे थे मैं वास्तविकता और स्वप्न में अंतर करना ही जैसे भूल गया था। विशालकाय ऊँचे पर्वत हमारी मानवी कल्पनाओं से भी परे इतने विशालकाय एवं वृहद कि मैं उन्हें अपनी एक दृष्टि में समेट ही नहीं पा रहा था। बादल उपर आ रहे थे निचला तल पूर्णतया अदृश्य हो गया था लग रहा था जैसे बादलों के पार कोई तैरता भूमि का खंड है जिस पर हम विचरण कर रहें हैं शायद ऐसे ही दृश्यों को देखकर हमारे पूर्वजों ने कभी स्वर्ग की कल्पना की होगी।“
Piracy-free
Assured Quality
Secure Transactions
Delivery Options
Please enter pincode to check delivery time.
*COD & Shipping Charges may apply on certain items.