यह कोविड-महामारी के समय लिखा गया कवि की शताधिक कविताओं एवं गीतों का संग्रह है। एक प्रकार से यह काव्य-पुस्तक कोरोना-काल के दौरान देश-विदेश एवं सारे संसार में बने बेहद दुखद और त्रासद-हालातों का ऐतिहासिक-दस्तावेज है। सन् 2020 ई0 के प्रारंभिक माह से शुरू हुई कोविड-महामारी की दीर्घकालीन घटना ने अमेरिका रूस चीन फ्रांस इटली जर्मनी आदि देशों को हिलाकर रख दिया था। इसके साथ-साथ भारत में भी इस महामारी ने काफी कहर बरपाया था। ‘कोरोना-काल’ नामक इस काव्य-कृति में कवि ने महामारी के दौरान प्रारम्भ हुए लॉकडाऊन से लेकर भारतीय-पृष्ठभूमि पर घटित हुई अनेक घटनाओं का काव्यात्मक स्वर में विस्तारपूर्वक वर्णन किया है साथ ही चीन इंग्लैण्ड और ब्राजील जैसे राष्ट्रों के भी पैण्डेमिक हालातों के बयान पेश किए हैं। प्रस्तुत काव्य-संग्रह कवि की महामारी के दौरान अनुभव की गई मार्मिक-संवेदनाओं का बाह्य-प्रकटीकरण है। दो-चार कविताओं को छोड़कर समस्त पुस्तक गेय-काव्य-शैली अथवा छन्द बद्ध काव्य-रचना में लिखी गई है।
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