” कविता में कवि ने व्यापक अध्ययन ओर अनुभव के प्रसंगो का उल्लेख है। यह शुभ संकेत है। बड़े अभ्यास के बाद काव्य में शाश्वत तत्व का आगमन होता है । कवि इस दिशा में आगे बढ़ते रहे मैं उनके उज्ज्वल भविष्य की मंगल कामना करता हूँ। इतिशुभम।01 सितम्बर 2020 डॉ॰ रघुनन्दन प्रसाद सीठाकाली मंदिर के पीछे जुमेराती होशंगाबादअंत में यही कि लेखक ने अपनी कलम से समाज और जीवन की स्थितियों और सूक्ष्म परिस्थितियों को पूरी ईमानदारी पारदर्शी नज़र से रचा है । इन कविताओं में ‘एक ऐसे बेहद संवेदनशील व्यक्ति की संवेदनाओं करुणा और अपने नाम के महत्व के साथ मां नर्मदा के प्रति अनुराग और स्वचेतना का समर्पण है जिसे समझकर कवि के प्रति सिर्फ नतमस्तक ही हुआ जा सकता है। निश्चित ही यहां उनकी कलम से विभिन्न बिंदुओं पर मन मस्तिष्क पर गहरी छाप छोड़ने वाली एक से बढ़ कर एक रचनाएँ बाहर निकली हैं। इस श्रेष्ठ कविता संग्रह के लिए मेरे पत्रकार सहयोगी श्री आत्माराम यादवजी को बहुत साधुवाद और शुभकामनाएं....5 सितंबर 2020डॉ. मयंक चतुर्वेदीनिष्कर्षत: उदीयमान यह कवि का दृष्टिफ़लक पत्रकारिता की सीमा पार करते हुये मानव जीवन के समस्त कार्य व्यापारों कि खबर लेते हुये अध्यात्म के क्षितिज के पार जाने को लालायित है इस दृष्टि से कृति का शीर्षक क्षितिज के पार रखना सार्थक है। समकालीन काव्यधारा प्रवाह से अनुप्राणित ये रचनाए विभिन्न भावों ओर रसों से पूर्ण है जिसमें पारिवारिक सुख-दुख की परिकाष्ठा तो है वही उनके बचपन से लेकर अभी तक के जीवन प्रवाह की धारा में आये भावों का सुंदरतम आंकलन भी है । विगत की अद्भुत प्रस्तुति के पश्चात कहा जा सकता है की आगत में ओर अधिक क्षमता एवं सफलता के साथ कवि पीव को हम लेखन के क्षैतिज पर उदीयमान होते पाएंगे । इन्ही शुभकामनाओं के साथ । इत्यलम शुभम ॥22 अगस्त(गणेश चतुर्थी)2020 महिमाकांक्षीपंडित गिरिमोहन गुरु “नगरश्री””संस्थापक –शिवसंकल्प साहित्य परिषदनर्मदापुरम मध्यप्रदेश मोबाइल – 09425189042
Piracy-free
Assured Quality
Secure Transactions
Delivery Options
Please enter pincode to check delivery time.
*COD & Shipping Charges may apply on certain items.